रविवार, 23 सितंबर 2012

देश में क्या हो रहा है 

एक के बाद एक बड़े बड़े घोटालो से त्रस्त जनता का  ध्यान बटाने के लिए केंद्र सरकार ने डीजल और गैस के दाम व में बेतहाशा ब्रद्धि कर जनता का गला काटने में कोई कसर नहीं छोड़ी ! दरअसल केंद्र सरकार यह समझ चुकी है की अगले चुनाव में उसका जाना तय हो चूका है ! यदि भा ज पा सत्ता में आती है तो संभव है की केंद की कांग्रेस सरकार को पुरे पांच वर्ष तो बनवास काटना पड़ेगा और उसके बाद भी बापसी की कोई गारंटी नहीं है !

इसलिए शायद सरकार यह सोच रही है की या तो अभी मध्यावधि चुनाव हो जाये जिसमे की तीसरे मोर्चे की सरकार बनने की पूरी सम्भावना है ! और यह तीसरा मोर्चा अधिक लम्बा चलने वाला नहीं है जिससे फिर मध्यावधि  चुनाव  होंगे और जोड़ तोड़ में माहिर कांग्रेस चुनाव समय से पहले करवा कर ही दम लेगी ! एक बार फिर पुराना इतिहास " सरकार चलाना आता है और सिथिर सरकार " का नारा देकर कांग्रेस बापसी करने की फिराक में है !

दूसरा यदि मध्यावधि चुनाव  नहीं भी होते तो जनता का ध्यान भटक जायेगा ! अथवा अधिक खींच तान भी हुई तो यु पी  ए का कोई दूसरा घटक अपने नेतृत्व में सरकार बनाना चाहे तो भी आखरी  समय में उसे मौका देकर कांग्रेस साफ़ बरी हो जाये  और स्वयं  को साफ शुद्ध  सिद्ध करने का एक अवसर और पा जाय !

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